Sunday 8 February 2015

रहस्यवादी, दार्शनिक ,देशभक्त - कवि प्रदीप

रहस्यवादी, दार्शनिक ,देशभक्त - कवि प्रदीप

 रविवार , 08 फरवरी ,2015 

जन्मशताब्दी वर्ष 2015 में भावपूर्ण स्मरण

06 फरवरी 1995 को उज्जैन ज़िले के बड़नगर में जन्म लेने वाले रामचन्द्र नारायण द्विवेदी, जिन्हें सारा भारतवर्ष कवि प्रदीप के नाम से जानता है। यह वर्ष उनकी जन्मशताब्दी का वर्ष है , एक रहस्यवादी, दार्शनिक , देशभक्त कवि प्रदीप आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं , जितना कि वह देश की आजादी एवं उसके बाद के कुछ वर्षों में रहे।
आज देश की युवा पीढ़ी आधुनिकता के नाम पर जिस पश्चिमी सभ्यता का अंधाधुंध अनुकरण कर रही है, ऐसे में कवि प्रदीप के गीतों की सार्थकता और भी अधिक  हो जाती है। हिंदी फिल्म कंगन का वो अमर गीत, ऐ मेरे वतन के लोगो, जरा आँख में भर लो पानी, कुछ याद करो कुर्बानी --------------- जिसे स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने 26 जनवरी 1963 को प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के निवेदन पर भारत चीन युद्ध में शहीद हुये वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुये, नेशनल स्टेडियम दिल्ली में गाया , तो उपस्थित सभी जनों  के साथ ही पंडित नेहरू की आँखें नम हो गयी  तथा लता जी का गला भर आया।
बंधन फिल्म का गाना, चल चल रे नौजवान ------------------- आज की युवा पीड़ी को सन्देश देने के लिए बहुत ही प्रेरणादायक है।
आज के परिवेश में, जब हर इंसान निजी स्वार्थ की ओर कुछ ज्यादा ही भागदौड़ कर रहा है, और अच्छे - बुरे की परवाह भी उसे नहीं रही, जब  तक की कोई ठोकर न लग जाये, ऐसे में कवि प्रदीप के  फिल्म नास्तिक का गीत , कितना बदल गया इंसान ------------------------ फिल्म चंडी पूजा का गीत, कोई लाख करे चतुराई, करम का लेख मिटे न रे भाई --------------------------फिल्म दो बहन का गाना, मुखड़ा देख ले प्राणी दर्पण में ----------------आदि बरबस ही दिल और दिमाग को झकझोरने लगते हैं।
जन्मशताब्दी वर्ष में कवि प्रदीप को आज की युवा पीड़ी से जोड़ना होगा, आज संचार तकनीकी क्रांति के औजार मोबाइल फ़ोन, कंप्यूटर , नोट बुक आदि न जाने कितने उपकरण हैं, जो इंटरनेट के द्वारा पल भर में कवि प्रदीप को जब चाहें याद कर सकते हैं। कुछ ऐसे युवा भी हैं, जो फिल्म दशहरा, दूसरों का दुखद दूर करने वाले -------------------------फिल्म कभी धूप कभी छाओं का गीत, सुख दुःख दोनों रहते ---------------से भी अपने निराश जीवन में आशा का एक नया संचार कर सकते हैं।
कवि प्रदीप को याद करते हुए बस आज  इतना ही युवा वर्ग से कहना है , हम लाये हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के , इस देश को रखना मेरे --------------------------------फिल्म जागृति। 

जय हिन्द ! जय कवि प्रदीप

1 comment:

  1. Kavi Pradeep was a Patriotic Poet of India, Good work

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