आवारा कुत्ता
कई बार सुना होगा.........साला आवार कुत्ता...गली का कुत्ता.......लेकिन कभी
गौर किया है, कौन और कैसे हैं, ये कुत्ते....। अक्सर अमीर (धन, सम्पदा, राजनीति और
समाज में ऊँचा अहोदा प्राप्त) लोग भी कुत्ते पालते हैं. एक नहीं..दो नहीं
....दस-दस, लेकिन आवारा कुत्तों का भी एक एरिया होता है. जहाँ एक नहीं...दो
नहीं...संख्या में वो भी दस से कम नहीं होते, लेकिन आवारा कुत्तों का एरिया भी
गरीबों की बस्तियों में ही होता है। और अपने एरिया के हर परिवार के जबरदस्त
वफादार। कभी आपने आवारा कुत्तों का डेरा किसी अमीर की बस्ती में
नहीं देखा होगा।
दुनिया में सबसे वफादार जानवर का तमगा भी कुत्तों को ही मिला है, अब चाहे अमीर
का कुत्ता हो या फिर आवारा कुत्ता। आप देखिये और महसूस करिये, कि सुबह और शाम कई
अमीर और तथाकथित अमीर (मध्यम वगॅ) के लोग आपको अपने कुत्तों को टहलाते हुये दिख
जायेंगे। यदि अमीर आदमी खुद ही अपने कुत्ते को टहलाने निकलता है और किसी गरीब की
बस्ती से होकर गुजरता है, तो उस बस्ती के सारे आवारा कुत्ते एक आवाज में उस अमीर
कुत्ते की घेराबन्दी कर देते है....इक्कठ्ठा होकर उस पर भौंकना शुरु कर देते हैं।
वाकई वफादार जानवर है, कुत्ता, उसे पता है, कि एक अमीरजादे का कुत्ता उसके एरिया
में आ गया है, पता नहीं किस गरीब का आशियाना छीने। ऐसा नहीं कि अमीर का कुत्ता
वफादार नहीं है, वो भी चेन से बंधे होने के बावजूद अपने मालिक के पक्ष में भौंकता
है।
कहने का आशय यह है, कि जिंदगी के इस जीवन चक्र में भी आपने कई वफादार कुत्तों
को इंसानी रुप में रहते हुये इन तथाकथित अमीरों के सामने दूसरे आवारा कुत्तों
(गरीब) पर भौंकते हुये अक्सर देखा होगा.............कुत्ते वाकई वफादारी के ठोस
सबूत है।